जोड़ों में दर्द क्यों होता है: लक्षण, कारण और उपचार
Blog

जोड़ों में दर्द क्यों होता है: लक्षण, कारण और उपचार

Introduction

जोड़ों का दर्द एक आम सी समस्या है, जिससे दुनिया भर में लाखों लोग पीड़ित हैं। अगर घुटनों, पैरों या फिर अन्य किसी जोड़ों में तकलीफ हो तो यह दर्द रोज़मर्रा के काम में दिक्कत पैदा कर सकता है, आपको चलने-फिरने में दर्द दे सकता है और इसी तरह यह दर्द आपके जीवन को तकलीफ़ से भर सकता है। घुटनों, पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द के कारण को अच्छे से समझना, उसकी पहचान और बेहतर इलाज के लिए ज़रूरी है। यह ब्लॉग जोड़ों के दर्द के लक्षणों, कारणों और इलाज के विकल्पों के बारे में बताता है।

जोड़ों का दर्द क्या है?

शरीर के किसी भी जोड़ में होने वाली किसी भी तरह की असुविधा, दर्द या पीड़ा को जोड़ों का दर्द कहा जाता है। यह पुराना हो सकता है, जो हफ्तों या महीनों तक बना रहता है, या तीव्र हो सकता है, जो थोड़े समय तक ही रहता है। विभिन्न उम्र के लोगों को जोड़ों में परेशानी हो सकती है, इस तथ्य के बावजूद कि यह आमतौर पर उम्र बढ़ने से जुड़ा होता है।

यह भी पढ़ें, घुटने का दर्द: कारण, लक्षण और असरदार घरेलू उपाय

जोड़ों के दर्द के लक्षण

जोड़ों के दर्द के लक्षण कारण के आधार पर भिन्न-भिन्न हो सकते हैं और इसमें शामिल हो सकते हैं:

  • सूजन: जोड़ के आसपास सूजन।
  • अकड़न: चाल-फेर कम करने पर, विशेष रूप से लम्बे समय तक एक जगह बैठे रहने के बाद।
  • लालिमा: दर्द वाले जोड़ के आस-पास की चमड़ी का रंग बदल जाना।
  • गर्माहट: जोड़ के हिस्से में गर्मी महसूस होना।
  • कमज़ोरी: वजन उठाने या जोड़ से काम करने में कठिनाई।
  • दर्द: दर्द की गंभीरता अलग-अलग हो सकती है, और अक्सर काम करते रहने से दर्द का और बदतर हो जाना।

ये लक्षण एक या एक से ज़्यादा जोड़ों को तकलीफ़ दे सकते हैं, और इनकी जल्द से जल्द पहचान कर लेने से आगे होने वाली परेशानियों को रोका जा सकता है।  

जोड़ों के दर्द के क्या कारण हैं?

कई चीज़ें, जैसे चोट, बीमारी या जीवनशैली संबंधी निर्णय, जोड़ों में तकलीफ़ पैदा कर सकते हैं। जोड़ों की तकलीफ़ के सबसे सामान्य कारण नीचे दिए गए हैं:

1. घुटनों में दर्द का कारण

इनकी जटिलता और रोजाना इस्तेमाल के कारण घुटने कई समस्याओं की चपेट में आ जाते हैं।

  • ऑस्टियोआर्थराइटिस: कार्टिलेज का घिसना, जिससे हड्डियों में टकराव होता है।
  • रुमेटीइड गठिया (आरए): सूजन पैदा करने वाली एक ऑटोइम्यून बीमारी।
  • चोटें: मोच, लिगामेंट टूटना या फ्रैक्चर होना।
  • गाउट: जोड़ में यूरिक एसिड क्रिस्टल का जमा होना।
  • मोटापा: ज़्यादा वजन घुटनों पर अतिरिक्त दबाव डालता है।
  • हद से ज़्यादा इस्तेमाल: खेल या शारीरिक कामकाज से बार-बार तनाव आना।

2. पैरों में दर्द का कारण

पैर हर रोज़ काफी दबाव झेलते हैं, जिससे वे इसके प्रति कमज़ोर हो जाते हैं:

  • प्लांटर फ़ेशिआइटिस: एड़ी को पंजों से जोड़ने वाले ऊतकों की सूजन।
  • गठिया: पैरों के छोटे जोड़ों को कमज़ोर करना।
  • बूनियन: पैर के अंगूठे के निचले हिस्से पर हड्डी की गांठें।
  • फ्लैट फ़ीट: गलत तरह से समायोजित करने की वजह से जोड़ों में खिंचाव होता है।
  • संक्रमण: जोड़ में बैक्टीरिया के जाने के कारण सेप्टिक गठिया।

3. जोड़ों के दर्द के सामान्य कारण

जोड़ों का दर्द निम्नलिखित कारणों से हो सकता है:

  • संक्रमण: जोड़ों को संक्रमित करने वाले वायरल या जीवाणु संक्रमण।
  • स्वप्रतिरक्षी रोग: ल्यूपस या सोरियाटिक गठिया जैसे हालात।
  • जीवनशैली से जुड़े कारक: खराब मुद्रा, काम न करना, या बार-बार होने वाले तनाव।
  • बढ़ती उम्र: समय के साथ कार्टिलेज और हड्डियों का कुदरती तौर पर घिसना।

जोड़ों के दर्द की पहचान

असरदार इलाज के लिए बेहतर निदान या पहचान ज़रूरी है। निदान में आमतौर पर शामिल हैं:

  • मेडिकल इतिहास: दर्द की शुरुआत, उसकी गंभीरता और उसके पैटर्न को समझना।
  • शारीरिक परीक्षण: सूजन, बेचैनी और गतिशीलता की सीमाओं की जाँच करना।
  • इमेजिंग टेस्ट: जोड़ों के भीतर की संरचनाओं को देखने के लिए एक्स-रे, एमआरआई या सीटी स्कैन।
  • ब्लड टेस्ट: संक्रमण या ऑटोइम्यून मार्करों की पहचान करना।

जोड़ों के दर्द के लिए इलाज के विकल्प

1. जीवनशैली में बदलाव

जीवनशैली में बदलाव करके जोड़ों की हल्की से लेकर गंभीर तकलीफ को काफी हद तक कम किया जा सकता है:

  • वजन को कम करना: घुटनों जैसे भार उठाने वाले जोड़ों पर तनाव कम करना। 
  • व्यायाम: तैराकी और योग दो कम प्रभाव वाले खेल हैं जो आपकी लचीलापन और ताकत को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
  • पोस्चर में सुधार: बार-बार तनाव से बचना और एर्गोनोमिक प्रैक्टिस को बनाए रखना।

2. जोड़ों के दर्द के लिए दवाएँ

लक्षणों को दूर करने के लिए दवाएँ ही सबसे शुरुआती विकल्प हैं:

  • दर्द निवारक: एसिटामिनोफेन या इबुप्रोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर दवाएँ।
  • सूजनरोधी दवाएं: सूजन और दर्द को कम करने के लिए NSAIDs.
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स: अगर बहुत ज़्यादा सूजन हो तो उसे कम करने के लिए इंजेक्शंस।
  • डिजीज मॉडीफीइंग एंटी-रुमेटिक ड्रग्स (डीएमएआरडी): RA जैसी हालात के लिए।

3. फिजिकल थेरेपी

सुझाई गई फिजिकल जोड़ों को बेहतर ढंग से कार्य करने और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। व्यायाम से जोड़ों के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और लचीलेपन को बढ़ाने में मदद मिलती है।

4. सर्जिकल इंटरवेंशन

गंभीर मामलों में सर्जरी की ज़रूरत पड़ सकती है। सामान्य प्रक्रियाओं में शामिल हैं:

  • नी रिप्लेसमेंट: खराब हो चुके जोड़ की सतहों को आर्टिफिशियल इंप्लांट से बदलना।
  • आर्थोस्कोपी: जोड़ों की खराबी को ठीक करने के लिए एक बेहद कम चीर-फाड़ वाली तकनीक।
  • पैर की सर्जरी: गोखरू, गठिया या संरचना से जुडी समस्याओं का समाधान।

5. जोड़ों के दर्द के लिए घरेलू उपचार

प्राकृतिक उपचार मेडिकल उपचार को पूरा कर सकते हैं:

  • हॉट एन्ड कोल्ड थेरेपी: बारी-बारी से हीट और आइस पैक लगाना ताकि सूजन को कम किया जाए और मांसपेशियों को आराम दिया जाए।
  • हर्बल सप्लीमेंट्स: सूजन को दूर करने के लिए हल्दी, अदरक और ओमेगा-3 फैटी एसिड।
  • एप्सम साल्ट बाथ: जोड़ों की अकड़न को कम करने के लिए गर्म पानी में सेंकाई।

6. आधुनिक इलाज

एक प्रमुख आर्थोपेडिक सर्जन के तौर पर डॉ. ईश्वर बोहरा जोड़ों के दर्द का अत्याधुनिक इलाज करने में माहिर हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • कस्टमाइज़ जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी।
  • प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (PRP) जैसे इलाज की इनोवेटिव थेरेपी।  
  • इलाज के नॉन-इनवेसिव विकल्पों पर विशेषज्ञ का मार्गदर्शन।

जोड़ों के दर्द से बचाव

परहेज़ हमेशा इलाज से बेहतर होता है। जोड़ों के दर्द के खतरे को कम करने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:

  • सेहत के लिए संतुलित वजन बनाए रखें: जोड़ों पर दबाव कम करें।
  • सक्रिय रहें: जोड़ों को मजबूत करने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • संतुलित आहार लें: कैल्शियम, विटामिन डी और सूजन-रोधी खाद्य पदार्थ को अपने आहार में शामिल करें।
  • अपार परिश्रम से बचें: ज़्यादा कामकाज करने के बाद आराम करें।

डॉक्टर से कब मिलें

यदि आपको नीचे दिए गए लक्षणों में से किसी एक का एहसास हो तो डॉक्टर की मदद लें:

  • लगातार या बदतर हो रहा दर्द।
  • गंभीर सूजन या लालिमा।
  • जोड़ों का टेढ़ा दिखना
  • जोड़ इस्तेमाल करने में असमर्थ होना।

डॉ. ईश्वर बोहरा जोड़ों के दर्द के बेहतर निदान और इलाज के लिए संपूर्ण सलाह देते करते हैं।

निष्कर्ष

जोड़ों का दर्द आपकी ज़िन्दगी को काफी हद तक तकलीफ़ भरा बना सकता है, लेकिन समय पर उपचार करने और विशेषज्ञ को दिखाने से आपको गतिशीलता और आराम फिर से मिल सकती है। घुटनों के दर्द का कारण बताने से लेकर बेहतर और असरदार इलाज देने तक, ऑर्थोपेडिक्स में डॉ. ईश्वर बोहरा एक भरोसेमंद नाम के तौर पर उभरे हैं। जोड़ों के दर्द को अपने ऊपर हावी न होने दें - आज ही दर्द से मुक्त जीवन की ओर पहला कदम बढ़ाएं।

अगर आप जोड़ों के दर्द का बेहतरीन समाधान चाहते हैं, तो अभी डॉ. ईश्वर बोहरा से सलाह लें!

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

प्रश्न: जोड़ों के दर्द के सबसे आम कारण क्या हैं?
उत्तर: जोड़ों के दर्द के सामान्य कारणों में ऑस्टियोआर्थराइटिस, रुमेटीइड गठिया, चोट, गाउट और जोड़ों का हद से ज़्यादा इस्तेमाल शामिल हैं।

प्रश्न: क्या जोड़ों के दर्द को रोका जा सकता है?
उत्तर: हालांकि आप जोड़ों के दर्द को पूरी तरह से रोक नहीं सकते, लेकिन आप सेहत के लिए संतुलित वजन बनाए रखकर, नियमित रूप से व्यायाम करके, संतुलित आहार लेकर और बहुत ज़्यादा मेहनत न करके अपने खतरों को कम कर सकते हैं।

प्रश्न: जोड़ों के दर्द के लिए मुझे डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
उत्तर: अगर आपके जोड़ों का दर्द गंभीर है या लगातार बना रहता है, या इसके साथ बुखार, लालिमा या सूजन जैसे अन्य लक्षण भी हैं, तो आपको डॉक्टर से मुलाकात करनी चाहिए।

प्रश्न: जोड़ों के दर्द के लिए कुछ घरेलू उपचार क्या हैं?
उत्तर: जोड़ों के दर्द के घरेलू उपचार में शामिल हैं:

  • जो जोड़ दर्द कर रहा है, उसका कम इस्तेमाल करना
  • आइस या हीट से सेंकाई करना
  • ओवर-द-काउंटर दर्द निवारक लेना
  • हल्का व्यायाम

प्रश्न: जोड़ों के दर्द के लिए कुछ एडवांस उपचार क्या हैं?
उत्तर: जोड़ों के दर्द के एडवांस उपचार में शामिल हैं:

  • फिज़िकल थेरेपी
  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड के इंजेक्शन
  • प्लेटलेट-रिच प्लाज्मा (पीआरपी) थेरेपी
  • सर्जिकल इंटरवेंशन जैसे कि जोड़ों के रिप्लेसमेंट

प्रश्न: मैं जोड़ों के दर्द सहते हुए अपने जीवन को कैसे बेहतर कर सकता हूँ?
उत्तर: जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोग अपने जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए इन बातों पर विचार करें:

  • नियमित व्यायाम
  • वजन का प्रबंधन
  • तनाव कम करने की तकनीकें
  • सहायक उपकरण
  • स्वास्थ्य सेवा देने वालों से प्रोफेशनल मदद लेना

प्रश्न: क्या जोड़ों का दर्द दिमाग की सेहत को प्रभावित कर सकता है?
उत्तर: हां, जोड़ों का पुराना दर्द मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है, जिससे डिप्रेशन और चिंता जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। जोड़ों के दर्द से निपटने के दौरान शरीर और दिमाग दोनों की सेहत की फ़िक्र करना महत्वपूर्ण है।  

प्रश्न: क्या जोड़ों का दर्द उम्र बढ़ने पर आमतौर पर होता है?
उत्तर: हालाँकि कुछ हद तक जोड़ों का दर्द उम्र बढ़ने पर आमतौर पर हो सकता है, खासतौर से ऑस्टियोआर्थराइटिस, लेकिन गंभीर दर्द या रोज़मर्रा के कामकाज में कुछ रुकावटें ऐसी हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

प्रश्न: क्या आहार जोड़ों के दर्द को प्रभावित कर सकता है?
उत्तर: हां, खानपान जोड़ों के दर्द को काबू में करने में ख़ास भूमिका निभा सकता है। एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर और प्रोसेस किये गए खाद्य पदार्थ सूजन को कम कर सकते हैं और जोड़ों की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

प्रश्न: क्या व्यायाम जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकता है?
उत्तर: हां, नियमित व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत करके, लचीलेपन में सुधार करके और सूजन को कम करके जोड़ों के दर्द को कम कर सकता है। हालांकि, जोड़ों पर ज़्यादा तनाव न हो, इससे बचने के लिए तैराकी, साइकिल चलाना या योग जैसे कम दबाव वाले व्यायाम चुनना बेहतर और ज़रूरी है। सेहत की देखभाल करने वाले पेशेवर या फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श लें ताकि आप व्यायाम की एक बेहतर योजना पर काम करके जोड़ों के दर्द से निजात पा सकें।  

Related Blogs

CONTACT US

We Are
Available 24X7

Get in touch with us and get your queries solved. Avail the best advice and guidance for your treatment. Call us or write to us to avail prompt assistance. Our team will connect with you as soon as possible.

  • Phone+91-9582280201

  • Emailishwar.bohra@gmail.com
    anandrishma@gmail.com

Choose Files Drag & drop here or select files

Latest Updates

Get the Latest News & Updates

Staying abreast with the latest information is the best way to combat diseases in early stages and live a healthy life. Read the latest news & updates here to learn about the recent advancements in joint care and therapeutics.

View All Articles